1. ज़िन्दगी का सफर कटता रहा फरियादों में ,
एक हँसी शाम तेरे नाम का हासिल न हुआ।
२. वो सभी छोड़ गए आधे सफर में ही मुझे,
जिनके नक़्शे कदम पर था कभी चलना सीखा।
3 . नहीं मिलता सुकून है अब मुझे वीराने में ,
तेरी यादों के धागों से, हूँ इस तरह उलझा।
4. आग से दिल्लगी लहरों से तुम लड़ना सीखो
है मोहब्बत तो फिर बेबाकी से कहना सीखो।
5 . हर तरफ़ भीड़ दीखता है हुनरबाज़ों का
एक बस मैं ही यहाँ पे बेहुनर निकला।
6 . तेरी जादुई बातों का नहीं उसपे असर होगा ,
अभी रंगों में उसने फ़र्क करना है कहाँ सीखा।
7. बुझा जो रख है उसको हवा देकर कभी देखो ,
जलते को जलाने का हुनर तो हर किसी में है।
8 . कहीं जो कुछ गिरे खट से तो मैं घबरा सा जाता हूँ ,
मेरे कन्धों पे मिलता है सुकून हर एक मुसीबत को।
9 . तू मुझे भूल गयी मैं तुम्हें नहीं भूला
प्यार शायद हमारा भी एक तरफ़ा था।
10 . जिसे देखे तो आँशु भी हँसे वो रंग हूँ मैं ,
ज़रा तू देख मुड़ कर के अभी भी संग हूँ मैं।
11 . तेरी खामोशियों से अब नहीं शिक़वा कोई मुझको ,
मुझे नज़रों से दिल का हाल पढ़ना आ गया है अब।
एक हँसी शाम तेरे नाम का हासिल न हुआ।
२. वो सभी छोड़ गए आधे सफर में ही मुझे,
जिनके नक़्शे कदम पर था कभी चलना सीखा।
3 . नहीं मिलता सुकून है अब मुझे वीराने में ,
तेरी यादों के धागों से, हूँ इस तरह उलझा।
4. आग से दिल्लगी लहरों से तुम लड़ना सीखो
है मोहब्बत तो फिर बेबाकी से कहना सीखो।
5 . हर तरफ़ भीड़ दीखता है हुनरबाज़ों का
एक बस मैं ही यहाँ पे बेहुनर निकला।
6 . तेरी जादुई बातों का नहीं उसपे असर होगा ,
अभी रंगों में उसने फ़र्क करना है कहाँ सीखा।
7. बुझा जो रख है उसको हवा देकर कभी देखो ,
जलते को जलाने का हुनर तो हर किसी में है।
8 . कहीं जो कुछ गिरे खट से तो मैं घबरा सा जाता हूँ ,
मेरे कन्धों पे मिलता है सुकून हर एक मुसीबत को।
9 . तू मुझे भूल गयी मैं तुम्हें नहीं भूला
प्यार शायद हमारा भी एक तरफ़ा था।
10 . जिसे देखे तो आँशु भी हँसे वो रंग हूँ मैं ,
ज़रा तू देख मुड़ कर के अभी भी संग हूँ मैं।
11 . तेरी खामोशियों से अब नहीं शिक़वा कोई मुझको ,
मुझे नज़रों से दिल का हाल पढ़ना आ गया है अब।
No comments:
Post a Comment