Sunday, 21 January 2018

हरयाली

कीतनी अच्छी कितनी प्यारी
हम को लगती है हरयाली।

रंग बिरंगे फूलों वाली
झरने नदियाँ  झूलों वाली
जीवन में बढ़ना सिखला दे
ऐसे ऊँचे  टीलों वाली।

कितनी अच्छी कितनी प्यारी
हमको लगती है हरयाली।

बहती है जब हवा निराली
हिलती है डाली मतवाली
गाते हैं पक्षी कलरव कर
सोये ख्वाब जगाने वाली।

कितनी अच्छी कितनी  प्यारी
हमको लगती है हरयाली।

हमको साँसे देने वाली
गम सारे ले लेने वाली
सूरज की किरणों से जलकर
छावं हमें पहुचाने वाली।

कितनी अच्छी कितनी प्यारी
हमको लगती है हरयाली।

नित कुछ कुछ सिखलाने वाली
सदा फूल बरसाने वाली।
बाटों तो खुशियाँ बढ़ती है
हमको ये बतलाने वाली।

कितनी अच्छी कितनी प्यारी
हमको लगती है हरयाली।

हर संताप मिटाने वाली
हमको राह बताने वाली
लक्ष्य नहीं है मुश्किल कोई
ये एहसास जगाने वाली।

कितनी अछि कितनी प्यारी
हमको लगती है हरयाली।

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